दिल कुछ और दिन के लिए वहीं रुक जाता है। दिल कुछ और दिन के लिए वहीं रुक जाता है।
सब खेले, कुदे, नाचे, गाये मस्ती भरी होली मनाये। सब खेले, कुदे, नाचे, गाये मस्ती भरी होली मनाये।
जिसको जमा करते-करते ना जाने हम कब कबीर बन गए। जिसको जमा करते-करते ना जाने हम कब कबीर बन गए।
सुनो परेशान मत हो, मैं लौटूँगा जरूर थोड़ी शाम तो होने दो... कुछ मेरे, कुछ तुम्हारे चर्चे सरेआम तो ह... सुनो परेशान मत हो, मैं लौटूँगा जरूर थोड़ी शाम तो होने दो... कुछ मेरे, कुछ तुम्ह...
हम बच्चे थे तो ही अच्छे थे। हम बच्चे थे तो ही अच्छे थे।